Description
सत्य न तो नया है न पुराना। जो नया है, वह पुराना हो जाता है। जो पुराना है, वह कभी नया था जो नये से पुराना होता है, वह जन्म से मृत्यु की ओर ले जाताहै। सत्य का न कोई जन्म है, न कोई मृत्यु है। इसलिए सत्य न नया हो सकता है, न पुराना हो सकता है। सत्य सनातन है। सनातन का अर्थ, सत्य समय के बाहर है, बियांड टाइम है। वस्तुत समय के भीतर जो भी है, वह नया भी होगा और पुराना भी होगा। समय के भीतर जो है, वह पैदा होगा और मरेगा भी, जवान भी होगा और बूढ़ा भी होगा। कभी स्वस्थ भी होगा और कभी अस्वस्थ भी होगा। समय के भीतर जो है, वह परिवर्तन होगा, समय के बाहर जो है, वही अपरिवर्तित हो सकता है।