PANTH PREM KO ATPATO

240.00

होश आत्मा का दीया है। वही ध्यान हैउसी को मैं मेडिटेशन कहता हूं। होश ध्यान है। निरंतर अपने जीवन के प्रतिसारे तथ्यों के प्रति जागे हुए होना ध्यान है। वही दीया है,वही ज्योति है। उसको जगा लें और फिर देखें,पाएंगेअंधेरा क्रमश विलीन होता चला जा रहा है। एक दिन आप पाएंगेअंधेरा है ही नहीं।एक दिन आप पाएंगेआपके सारे प्राण प्रकाश से भर गए। और एक ऐसे प्रकाश सेजो अलौकिक है। एक ऐसे प्रकाश सेजो परमात्मा का है। एक ऐसे प्रकाश सेजो इस लोक का नहींइस समय का नहींइस काल का नहींजो कहीं दूरगामीकिसी बहुत केंद्रीय तत्व से आता है। और उसके ही आलोक में जीवन नृत्य से भर जाता हैसंगीत से भर जाता है। तभी शांति हैतभी सत्य है।

SKU: B5000074 Category: Product ID: 24227
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Description

पुस्तक के कुछ मुख्य विषय-बिंदु:

  • ब्रह्मचर्य परम भोग है
  • मनुष्य विक्षिप्त क्यों है?
  • जागना ही एकमात्र तपश्चर्या है
  • ज्ञान भीख नहीं है
  • अहंकार से मुक्ति का उपाय क्या है?
  • विषय सूची
  • प्रवचन 1: ब्रह्मचर्य और समाधि
  • प्रवचन 2: मनुष्य विक्षिप्त क्यों है?
  • प्रवचन 3: होश से क्रांति
  • प्रवचन 4: स्वयं का साक्षात
  • प्रवचन 5: अहंकार का भ्रम
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Additional information

Weight 0.500 kg