Description
ओशो द्वारा गुरु नानकदेव जी के जपुजी पर दिए गए बीस अमृत प्रवचनों का अपूर्व संकलन। गुरुनानक के लोकप्रिय, गीतवाही वचन ‘जपुजी’ एक अद्वितीय काव्य है; उतना ही अद्वितीय जितनी की ओशो द्वारा की हुई उन वचनों की व्याख्या। उसे व्याख्या कहना ठीक नहीं है, मानो नानक देव इक्कीसवीं सदी में फिर प्रकट हुए और ओशो के मुख से अपने ही सूत्रों को उन्होंने नवजीवन दिया ओशो गुरु नानक के बारे में कहते हैं: ‘‘नानक कहते हैं, जब भी कोई मुक्त होता है, अकेला ही मुक्त नहीं होता। क्योंकि मुक्ति इतनी परम घटना है, और मुक्ति एक ऐसा महान अवसर है–एक व्यक्ति की मुक्ति भी–कि जो भी उसके निकट आते हैं, वे भी उस सुगंध से भर जाते हैं।’’