Description
ध्यान के लिए पहली बात तो है साहस। दूसरी बात, अपने से सावधान रहना। क्योंकि आप ही अपने को धोखा दे सकते हैं, कोई और नहीं। सच तो यह है कि इस जगत में दूसरे को धोखा देना संभव ही नहीं है। सिर्फ अपने को ही धोखा दिया जा सकता है। वी कैन डिसीव ओनली अवरसेल्व्स। कोई किसी दूसरे को धोखा दे ही नहीं सकता। दूसरे को धोखा देकर अगर आप कुछ पा भी लेंगे, तो वह दो कौड़ी का है, मौत उसे छीन लेगी। लेकिन अपने को धोखा देकर हम ऐसा कुछ खो सकते हैं कि जन्म-जन्म भटक जाएं और उसे पाना मुश्किल हो जाए। और हम सब अपने को धोखा देते हैं। तो दूसरी बात आपसे कहता हूं, अपने को धोखा देने से सावधान रहना। ओशो पुस्तक के कुछ मुख्य विषय-बिंदु: आपका केंद्र क्या है?–धन, ध्यान या कुछ और… नृत्य: प्रभु के द्वार पर पहुंचने का मार्ग आपकी ध्यान-यात्रा कहीं अहंकार की यात्रा न बन जाए हृदय रोग और ध्यान संकल्प की साधना