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Weight | 0.350 kg |
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₹95.00
ओशो के प्ररवर विचारों ने, ओजस्वी वाणी ने मनुष्यता के दुश्मनों पर, संप्रदायों पर, -मठाधीशों पर, अंधे राजनेताओं पर, जोरदार प्रहार किया। लेकिन पत्र-पत्रिकाओं ने छापी या तो ओशो पर चटपटी मनगढंत खबरें या उनकी निंदा की, भ्रम के बादल फैलाए। ये – भ्रम के बादल आडे आ गये ओशो और लोगों के। जैसे सूरज के आगे बादल आ जाते हैं। इससे देर हई। इससे देर हो रही है मनुष्य के सौभाग्य को मनुष्य तक पहुंचने में।
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