Description
“हम सब आनंद चाहते हैं, हम सब शांति चाहते हैं, हम सब तृप्ति चाहते हैं। लेकिन हम खोजते हैं बाहर। वहीं भूल है। खोजना है भीतर, टटोलना है अपने में – अपने माहिं टटोल। अगर हम भीतर जागकर देख सकें तो वहां जो है वही परमात्मा है, वही मोक्ष है, वही निर्वाण है। फिर उसे कोई कोई नाम दे दे, इससे कोई भेद नहीं पड़ता। वहां जो है वही परम आनंद है, वही परम सत्य है।”—ओशो पुस्तक के कुछ मुख्य विषय-बिंदु: जीवन का लक्ष्य क्या है? यांत्रिक जीवन से मुक्ति के उपाय मनुष्य के चित्त पर कौन से बंधन हैं? क्या आप एक विचारशील आदमी हैं?
Cover : Paperback