Description
सूफी बोध – कथाओं पर प्रवचन विश्व के महान् गुरु और तत्वज्ञानी ओशो ने महान् सूफ़ी संतों के बताए मार्गों को अपने प्रवचनों में समेटा और उदाहरण सहित उनकी व्याख्याएं प्रस्तुत कीं। वह कहते हैं – … यात्रा की तैयारी और उस सर्वोच्च शिखर तक पहुचने के बीच की यात्रा बहुत लंबी है… … उस यात्रा की लम्बाई तुम पर निर्भर है। यह लंबी भी हो सकती है, बहुत लंबी और वह उतनी लंबी नहीं भी हो सकती है। वह बहुत छोटी भी हो सकती है। लक्ष्य तुम पर ही निर्भर है… यह लंबी हो जाती है, यदि तुम इसे दुःख, अवसाद, व्यग्रता और विरोध से देखते हो। यदि तुम्हारी आंखें उदासी से भरी हैं, तो वे एक लंबा फ़ासला निर्मित करती हैं। यदि तुम्हारी आंखों में आनंद के दीप जलते हैं और वे हर्ष से भरी हैं, तो वह यहीं है, वह अभी है और वह यह है।… ओशो नेे परमात्मा तक पहुंचने के लिए सद्गुरु की अनिवार्यता बताई और कहा कि अपने लक्ष्य को जानो और यात्रा को छोटा करो, उसमें हर्ष और आनंद के रंग भरो और देखो कि तुम्हें कहीं दूर नहीं जाना, सब यहीं है, इसी वक्त और बिल्कुल यही है।